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नहीं इंतज़ार अब हमारा करो…

Sincerely yours..
Sincerely yours..
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अब उसका तगाफुल गवारा करो,
मसीहा मसीहा पुकारा करो..


ये ढलते हुए चाँद की बेबसी,
तुम्हारे लिए है नज़ारा करो..


तुम्हारी ज़रूरत है फिर दोस्तों,
मुझे फिर ज़रा बेसहारा करो..


गुज़र जाओ बच के हर एक याद से,
कोई शाम यूँ भी गुज़ारा करो..


चलो डूब जाओ, बहुत हो गया,
कहाँ तक ग़मों से किनारा करो..


कोई याद रखता नहीं बाद में ,
न यूँ रोज़ जुल्फें संवारा करो..


मेयार आपका अब कुछ और हो चला,

नहीं इंतजार अब हमारा करो……


शब्दार्थ……

तगाफुल—बेपरवाही
मेयार—स्तर

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